PM Kusum Yojana 2024: कृषि क्षेत्र में किसानों की परेशानियों को दूर करने के लिए सरकार ने पीएम कुसुम योजना शुरू की है, जो किसानों को खेतों में सोलर पंप लगाने पर धन देती है। सरकार दो हॉर्स पावर से पांच हॉर्स पावर के सोलर पंपों पर 90% का अनुदान देती है। केंद्र सरकार ने 35 लाख किसानों को पीएम कुसुम योजना का लाभ देने का लक्ष्य रखा है।
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योजना PM Kusum Yojana
किसने शुरू किया. केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा
लाभार्थी देश के किसान
आवेदन का तरीका ऑनलाइन
आधिकारिक वेबसाइट. https://pmkusum.mnre.gov.in/#/landing
यही कारण है कि अगर आप एक किसान हैं और चाहते हैं कि आप अपने खेतों में सोलर पंप लगाएं, तो आपको ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए आपको सरकार द्वारा निर्धारित कुछ योग्यताओं को पूरा करना होगा, जैसे कि कृषि भूमि का मालिक होना चाहिए। यदि आप पीएम कुसुम योजना के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक पढ़ें।
PM कुसुम योजना के तहत राज्य सरकार ने आने वाले 10 वर्षों में 3 करोड़ सोलर पम्पों और 17.5 लाख डीज़ल पम्पों को बदलने का लक्ष्य रखा है। राजस्थान में सोलर पंप लगाने और सोलर उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए यह योजना महत्वपूर्ण है। सरकार ने इसके लिए 500 करोड़ रुपये का प्रारंभिक बजट रखा है। 2020-2021 बजट में 20 लाख राज्य किसानों को सोलर पंप लगाने में मदद दी जाएगी।
Pradhan mantri Kusum Yojana Objective
आप लोग जानते हैं कि भारत में कई राज्य सूखे हैं। तथा वंहा सूखा खेती को नुकसान पहुंचाता है। इस बात पर ध्यान देते हुए केंद्र सरकार ने पीएम कुसुम योजना शुरू किया है। योजना का मुख्य लक्ष्य देश के किसानों को बिजली मुफ्त में देना है। इस योजना के तहत किसानों को सोलर पैनल की सुविधा प्रदान करना, जिससे वे अपने खेतों को आसानी से सिचा सकें। 2024 तक, इस सरल योजना से किसानों को दोहरा लाभ मिलेगा। दूसरा, अगर कृषक अधिक बिजली बनाते हैं, तो ग्रिड को भेजते हैं। यही कारण है कि उन्हें उसकी लागत भी मिलेगी।
Pradhan mantri Kusum Yojana Registration
PM Kusum Yojana में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से आवेदन किए जा सकते हैं। यह योजना सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना और भूमि को लीज पर देने के लिए है। आरआरईसी द्वारा आधिकारिक वेबसाइट पर सभी आवेदनकर्ताओं की सूची प्रदर्शित की जाएगी जो भूमि लीज पर देने के लिए पंजीकृत हैं। सभी नागरिक जो सौर ऊर्जा संयंत्र बनाने के लिए भूमि लीज पर लेना चाहते हैं, आरआरईसी की वेबसाइट पर आवेदकों की सूची प्राप्त कर सकते हैं और पंजीकृत आवेदकों से संपर्क करके, वे संयंत्र लगाने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
ऑनलाइन आवेदन करने वाले आवेदक को एक एप्लीकेशन आईडी प्राप्त होगी। इस स्थिति में, आवेदक को आवेदन पत्र का प्रिंट आउट सुरक्षित रखना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति ऑफलाइन आवेदन करता है, तो उसे एक रसीद दी जाएगी, जिसे वह संभाल कर रखेगा। आवेदन करते समय, सभी आवश्यक दस्तावेजों को जमा करना होगा।
Pradhan mantri Kusum Yojana Application Fee
इस योजना के तहत सौर ऊर्जा संयंत्रों के लिए आवेदन करने के लिए आवेदक को ₹5000 प्रति मेगावाट के लिए आवेदन शुल्क तथा जीएसटी की दर से भुगतान करना होगा। राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के भुगतान प्रबंध निर्देशक के नाम से डिमांड ड्राफ्ट बनाया जाएगा। 0.5 मेगावाट से 2 मेगावाट तक के लिए आवेदन शुल्क निम्नलिखित है:
Mega Watt Application Fee
0.5 mega watt. ₹ 2500+ GST
1 mega watt ₹5000 + GST
1.5 mega watt ₹7500+ GST
2 mega watt ₹10000+GST
Pradhan mantri Kusum Yojana Components
- सौर पंप वितरण: केंद्रीय सरकार के विभागों के साथ मिलकर बिजली विभाग, कुसुम योजना के पहले चरण में सौर ऊर्जा संचालित पंप का सफल वितरण करेगा।
- सौर ऊर्जा कारखाने का निर्माण: सौर ऊर्जा कारखानों की स्थापना की जाएगी जो पर्याप्त मात्रा में बिजली उत्पादन कर सकते हैं।
- ट्यूबवेल की स्थापना: सरकार ट्यूबवेल बनाएगी जो कुछ निश्चित मात्रा में बिजली बनाएंगे।
- वर्तमान पंपों का आधुनिकरण: वर्तमान पंपों को नए सौर पंपो से बदल दिया जाएगा।
Pradhan mantri Kusum Yojana Beneficiaries
- किसान
- किसानों का समूह
- सहकारी समितियां
- किसान उत्पादक संगठन
- जल उपभोक्ता एसोसिएशन
- पंचायत
Pradhan mantri Kusum Yojana Benefits
- किसानों को सस्ते सौर सिंचाई पंप प्रदान किया जाएगा।
- 10 लाख ग्रिड-कनेक्टेड कृषि पंपों को सोलराइजेशन किया जाएगा।
- 2024 तक, कुसुम योजना के पहले चरण में 17.5 लाख सिंचाई पंपों को सौर ऊर्जा से चलाया जाएगा, जिससे डीजल की खपत कम होगी।
- खेतों को सिंचाई देने वाले पंप सौर ऊर्जा से चलेंगे, जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी।
- योजना से मेगावाट अतिरिक्त बिजली बनाई जाएगी।
- सोलर पेनल लगाने वाले किसानों को केंद्र सरकार द्वारा 60% वित्तीय सहायता, बैंक 30% ऋण, और किसानों को सिर्फ 10% का भुगतान करना होगा।
- जब राज्य सूखाग्रस्त होगा और बिजली की समस्या होगी, तो कुसुम योजना लाभदायक होगी।
- किसान आसानी से अपने खेतों को सिचा सकेंगे क्योंकि 24 घंटे बिजली मिलेगी।
- किसान सोलर पेनल से उत्पादित अतिरिक्त बिजली को सरकारी या गैर सरकारी विद्युत विभागों में बेच सकता है, जो किसान को प्रति माह 6000 रुपये की मदद प्रदान करते हैं।
- योजना के अनुसार, सोलर पेनल बंजर जमीन पर लगाए जाएंगे, जिससे बंजर जमीन का भी उपयोग होगा और आय मिलेगी।
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Pradhan mantri Kusum Yojana Eligibility
- आवेदक भारतवासी होना चाहिए।
- 0.5 मेगावाट से 2 मेगावाट की क्षमता वाले सौर ऊर्जा संयंत्रों के लिए कुसुम योजना में आवेदन किया जा सकता है।
- आवेदक भूमि के अनुपात में 2 मेगावाट क्षमता या वितरण निगम द्वारा अधिसूचित क्षमता के लिए आवेदन कर सकता है।
- प्रति मेगावाट लगभग दो हेक्टेयर जमीन चाहिए होगी।
- इस योजना में स्वयं के निवेश से काम करने के लिए कोई वित्तीय योग्यता की आवश्यकता नहीं है।
- यदि प्रोजेक्ट आवेदक द्वारा किसी विकासकर्ता के माध्यम से विकसित किया जा रहा है, तो विकासकर्ता की प्रति मेगावाट नेटवर्थ एक करोड़ रुपए होनी चाहिए।
Pradhan mantri Kusum Yojana Documents
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड
- रजिस्ट्रेशन की कॉपी
- ऑथराइजेशन लेटर
- जमीन जमाबंदी की कॉपी
- मोबाइल नंबर
- बैंक खाता
- पासपोर्ट साइज फोटो
- चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा जारी किया गया नेटवर्थ सर्टिफिकेट
Pradhan mantri Kusum Yojana Online Application Process
- पीएम कुसुम योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन करने से पहले आपको इसकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
- आधिकारिक वेबसाइट के होम पेज पर PM-KUSUM पर क्लिक करना होगा।
- आप क्लिक करने के बाद एक आवेदन फार्म खुल जाएगा, जहां आपको पहले अपना राज्य चुनना होगा।
- इसके बाद पूछे जाने वाले विवरणों को ध्यानपूर्वक भरना होगा।
- पूर्ण विवरण भरने के बाद, सभी आवश्यक दस्तावेजों को स्कैन, अपलोड और सबमिट करना चाहिए।
- आपको सबमिट करने के बाद पीएम कुसुम योजना की पंजीयन रसीद का प्रिंटआउट निकालकर रखना होगा।
- अब आपके आवेदन की जांच और जमीन का भौतिक परीक्षण होगा।
- आपको भौतिक पुष्टि होने के बाद सोलर पंप लगाने के कुल खर्च का दस प्रतिशत देना होगा। आपके खेत में इसके बाद सोलर पंप लगाए जाएंगे।
Conclusion
हमने इस लेख में प्रधानमंत्री की कुसुम योजना के बारे में बताया है जो किसानों को सोलर पंप लगाने पर आर्थिक सहायता देती है। योजना का उद्देश्य किसानों को अधिक उत्पादक और स्वावलंबी बनाने में मदद करने के लिए सिंचाई व्यवस्था में सुधार करना है। सोलर पंप लगाने के लिए किसानों को सरकार द्वारा कुसुम योजना के तहत सब्सिडी और वित्तीय सहायता दी जा रही है। यह योजना भारत की कृषि में ऊर्जा की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। सोलर पंप लगाने से किसान अपनी फसलों की सिंचाई करने में अधिक सक्षम होंगे, जिससे बेहतर उत्पादन की संभावना बढ़ जाएगी।
FAQs
पीएम-कुसुम (प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान) नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई), भारत सरकार की योजना है जिसका उद्देश्य विकेन्द्रीकृत सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना, कृषि डीजल पंपों को सौर कृषि जल पंपों से प्रतिस्थापित करना और ग्रिड से जुड़े मौजूदा कृषि पंपों का सौरीकरण करके कृषि क्षेत्र को समर्थन देना है।
पीएम-कुसुम का उद्देश्य योजना के तहत तीन घटकों के माध्यम से लाभार्थियों को सहायता प्रदान करना है। प्रत्येक घटक के अंतर्गत लक्ष्य इस प्रकार हैं:
घटक-ए: 2 मेगावाट तक के 10,000 मेगावाट के विकेंद्रीकृत ग्राउंड/स्टिल्ट माउंटेड ग्रिड कनेक्टेड सोलर की स्थापना।
घटक-बी: 20 लाख स्टैंडअलोन सोलर एग्रीकल्चर पंप की स्थापना।
घटक-सी: व्यक्तिगत पंप के साथ-साथ फीडर लेवल सोलराइजेशन के माध्यम से 15 लाख ग्रिड कनेक्टेड एग्रीकल्चर पंप का सोलराइजेशन।
लाभार्थी:
व्यक्तिगत किसान,
किसानों का समूह,
जल उपयोगकर्ता संघ
, सहकारी समितियां
, पंचायतें,
किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ),
प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (पीएसीएस),
सामुदायिक/क्लस्टर आधारित सिंचाई प्रणाली लाभार्थी के रूप में
कार्यान्वयन एजेंसियां:
राज्य नोडल एजेंसियां
राज्य कृषि विभाग
डिस्कॉम
लघु सिंचाई विभाग
जेनको
राज्य सरकार द्वारा नामित कोई अन्य विभाग
वित्तीय संस्थानों
विक्रेता
इस योजना के अंतर्गत सभी घटकों के लिए केवल सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकी को ही कवर किया गया है।
सौर ऊर्जा प्रणाली सूर्य से प्राप्त सौर ऊर्जा को बिजली में परिवर्तित करने के लिए फोटोवोल्टिक (पीवी) मॉड्यूल का उपयोग करती है।
सौर कृषि पंप एक प्रकार का पंप है जो सौर ऊर्जा पर चलता है और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए किसी ईंधन (डीजल, केरोसिन आदि) या बिजली के बाहरी स्रोत की आवश्यकता नहीं होती है।